NOT KNOWN FACTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Facts About hanuman chalisa

Not known Facts About hanuman chalisa

Blog Article

Yama, Kubera plus the guardians of your four quarters; poets and Students – none can Convey Your glory.

Disorders might be finished, all pains are going to be gone, every time a devotee consistently repeats Hanuman the brave’s identify.

भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

As part of your palms, shine a mace as well as a flag of righteousness. A sacred thread adorns Your appropriate shoulder.

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज को समस्त सिद्धियाँ प्राप्त हैं तथा उनके हृदय में प्रभु विराजमान हैं, इसलिये समस्त शक्तियाँ भी आपके साथ रहेंगी ही। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

Many court officers, perplexed, were angered by this act. Hanuman replied that in lieu of needing a present to recall Rama, he would always be in his heart. Some courtroom officers, continue to upset, asked him for proof, and Hanuman tore open his upper body, which experienced an image of Rama and Sita on his heart.

भावार्थ– आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया। इस कार्य से प्रसन्न होकर भगवान् श्री राम ने आपको हृदय से लगा लिया।

“He whoever reads these verses on Hanuman, he will get spiritual attainments, Lord Shiva will be the witness to this statement.”

The king of your gods, Indra, responds by telling his spouse that the living remaining (monkey) that bothers her should be to be viewed as a colleague, and that they should make an effort and hard work to coexist peacefully. The hymn closes with all agreeing that they ought to appear with each other in Indra's home and share the prosperity with the choices.

कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।

सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।

भावार्थ– आप भगवान् शंकर के अंश (अवतार) और केशरी पुत्र के नाम से विख्यात हैं। आप (अतिशय) तेजस्वी, महान् प्रतापी और समस्त read more जगत्के वन्दनीय हैं।

भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।

Report this page